एक लाल ताजमहल जो किसी शाहजहां ने नहीं बल्कि एक आम औरत ने बनाया।
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एक ताजमहल दिल में हर कोई है छुपाए, कोई तो बना पाए, कोई नहीं बना पाए। आपने सफेद ताज तो देखा होगा जो शाहजहां ने बनाई थी अपनी मोहब्बत मुमताज के लिए। ताजमहल की असाधारण खूबसूरती और इसकी और इसकी विशाल ता बाकी सभी इमारतों को हमारी नजरों से ढक दिया है। मगर आप भारत की इतिहास को देखें तो इस इतिहास के हर पन्ने पर कोई ना कोई विशेष स्थापत्य नजर आएगी; भारत का लंबा और रोमांचक इतिहास मैं सदियों से ऐसी कितनी ही सुंदर सुंदर इमारतें बनी है कितना ही भला पता है।
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यह लाल ताजमहल, यह भी एक प्यार का स्मृति स्थल है जो कि एक आम महिला ने बनाई थी अपने पति के याद में। ऐन हेसिंग नाम की एक महिला ने अपने पति के याद में उनकी मृत्यु के बाद यह लाल ताज बनवाई थी 1803 मैं ।यह लाल ताजमहल भी आगरा में ही है, यह शाहजहां के ताज से बहुत छोटा है मगर है तो यह प्यार का स्मारक ही। ऐन हेसिंग के पति जॉन हेसिंग इक डच थे और मराठा के लिए कमांडर का काम करते थे;दौलतराव सिंधिया ने इन्हें 1799 में आगरा फोर्ट का दायित्व दिया था।
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उनकी मराठा आर्मी ने 1795 में निजाम ऑफ हैदराबाद को हराया था। मगर ब्रिटिश के खिलाफ जंग में सेकंड एंग्लो मराठा वॉर में 21 जुलाई 1803 मराठा की किले की हिफाजत करने में वह मारे गए । आगरा के नेहरू नगर में है यह लाल ताज । जॉन हेसिंग की पत्नी एलिस ने इसमें लिखा है ''मृत कर्नल एक डचमैन था, जो झील के सफल घेराबंदी से ठीक पहले, 63 वें वर्ष, 21 जुलाई 1803 में आगरा के कमांडेंट की मृत्यु हो गई।'' इसमें एक पत्नी का प्रेम दिखता है।
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अब आप जान गए कि एक पति ही नहीं बल्कि एक पत्नी ने भी अपने प्यार की ताजमहल बनाई है और सिर्फ राजा बादशाह ही नहीं एक साधारण सी औरत भी अपने प्यार की याद में स्मारक बनाई है।
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